साल
भर में कुल 24 एकादशी आती हैं और हर एकादशी का अपना अलग महत्व होती है। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाई जाती
है। इस दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप का पूजन किया जाता हैं। इसके
व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता हैं। यह सब व्रतों से
उत्तम व्रत है। इस पापमोचनी एकादशी के महात्म्य के श्रवण व पठन से समस्त
पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं। पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले फुलों से पूजा
करने पर उनकी कृपा बरसती है. इस दिन नवग्रहों की पूजा से सभी ग्रह शुभ
परिणाम देते हैं।
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